दाग अच्छे नहीं लगते कलेक्टर साहब, अपने प्रिय पात्र रामानुज को न बचाईए

जिले के भ्रष्टाचारी कर्मचारी को बचाने से जिला प्रशासन की छवि हो रही धूमिल- कांग्रेस नेता महेश पटेल

लोक शिक्षण संचालनालय मप्र भोपाल के पत्र पर भी नहीं की कार्रवाई

आशुतोष पंचोली

आलीराजपुर न्यूज। ब्यूरो चीफ

टीवी मीडिया पर एक सर्फ एक्सेल का न्यू जनरेशन का एक विज्ञापन आता है जिसमें सर्फ एक्सल की बिक्री बढ़ाने के लिए कहा गया है कि दाग अच्छे है। ऐसे ही एक मामले ने पूरे जिले की मशीनरी में एक विषय को चर्चा के केंद्र में लाकर खड़ा कर दिया है। अब चूंकि मामला माननीय हाईकोर्ट तक पहुंच चुका है तो फिर इस तथ्य को कैसे झूठला सकते है कि दाग अच्छे है। खैर मामला यह है कि जिला शिक्षा कार्यालय में करीब तीन सालों  से भी अधिक समय से एडीपीसी के पद पर कार्यरत कर्मचारी रामानुज शर्मा ने अपने तबादले को रोकने के लिए हाईकोर्ट में जो कथित तौर पर डीईओ का जो पत्र प्रस्तुत किया है उसने जिले के कलेक्टर साहब को उलझन में डाल दिया है। जब रामानुज शर्मा ने स्वयं ही हाईकोर्ट में यह एडमीट कर दिया है उसके ट्रांसफर होने से बच्चों का अध्यापन कार्य प्रभावित होगा उस विषय के बच्चों की पढ़ाई प्रभावित होगी तो फिर कलेक्टर साहब रामानुज शर्मा को उसके मूल पद पर वापस क्यों नहीं भेज रहे है। जबकि वह तो अपने ट्रांसफर को रोकने की दुहाई में स्वयं ही कह चुका है कि वह तो अध्यापन कार्य करवा रहा है फिर डीईओ कार्यालय के प्रशासनिक कार्य में इतनी रुचि क्यों है? जाहिर यहां से सारी सप्लाय, विभागीय आवंटन अन्य कई प्रकार से विभागीय प्रभुत्व का मामला जो जमा हुआ है। अब ये फैसला तो कलेक्टर साहब को करना है कि उसे वे विदाई देते है या नहीं?वहीं दूसरी ओर वरिष्ठ कांग्रेस नेता महेश पटेल ने प्रेस नोट में बताया कि जिले के भ्रष्टाचारी कर्मचारी को बचाने से जिला प्रशासन की छवि धूमिल हो रही है।


शासन के पत्र पर भी नहीं की कार्रवाई

जिले के वरिष्ठ कांग्रेस नेता महेश पटेल व जिला कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष ओमप्रकाश राठौर ने सोमवार को जारी  प्रेस नोट में खुलासा करते हुए बताया कि केके द्विवेदी संचालक लोक शिक्षण मप्र भोपाल के पत्र क्रमांक 1189 दिनांक 13 मई 2024 में यह स्पष्ट लिखा है कि रामानुज शर्मा (अध्यापक) वर्तमान में भ्रष्ट एडीपीसी जिला शिक्षा कार्यालय को तत्काल हटाकर मूल संस्था में भेजे जाने का उल्लेख किया है। इस पत्र के विषय से यह सिद्ध होता है कि शर्मा एडीपीसी के पद पर काम कर रहा है न कि अध्यापन कार्य उसके बावजूद जिला प्रशासन इसे बचाने में लगा है। इस पत्र में शर्मा के खिलाफ विभागीय जांच तथ्यात्मक प्रतिवेदन अभिमत सहित उपलब्ध कराने के स्पष्ट निर्देश दिए गए थे। किंतु इस संबंध में शर्मा ने अपने पद व प्रभाव से इस पत्र को ही गायब करवा दिया। आज दिनांक तक इस मामले में कोई कार्यवाही नहीं की गई है। कांग्रेस नेता पटेल ने जिला प्रशासन को चेतावनी दी है कि ऐसे भ्रष्ट कर्मचारी को संरक्षण देना बंद करे और उसे वापस मूल संस्था में भेजे व इसके खिलाफ हायकोर्ट को झूटी जानकारी देने के खिलाफ प्रशासनिक व विभागीय जांच कार्यवाही कर तत्काल प्रभाव से निलंबित करे अन्यथा इस मामले में उग्र आंदोलन किया जाएगा। 



कांग्रेस नेताओं ने प्रेस नोट में बताया कि जिले में आदिवासी विकास विभाग व शिक्षा विभाग का लगभग बंटाधार हो चला है।जिम्मेदार पदों पर बैठे हुए सरकारी अफसर व कर्मचारी की मिलीभगत से जमकर भ्रष्टाचार किया जा रहा है। जिले के जिला शिक्षा अधिकारी कार्यालय में पदस्थ एडीपीसी रामानुज शर्मा की करतूत उजागर होने के बाद भी  इस कर्मचारी व उसकी पत्नि दोनों ने माननीय हाईकोर्ट को झूटी जानकारी देकर अपने ट्रांसफर पर स्टे लिया है। यह सारी जानकारी कलेक्टर महोदय को है किंतु इसके बावजूद भी उन्हौंने ऐसे भ्रष्ट कर्मचारी को जिला शिक्षा कार्यालय में बिठा रखा है।

 कांग्रेसी नेताओ ने आगे बताया कि माननीय उच्च न्यायालय को गुमराह करने की जानकारी जिला शिक्षा अधिकारी ने दी है इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच की मांग में करते है। जिले के डीईओ कार्यालय में पदस्थ एडीपीसी को जिला प्रशासन ने स्कूल में अध्यापन कार्य करना बता दिया गया है यह सरासर झूठ व असत्य है। यह बहुत गंभीर विषय है जिसमें माननीय उच्च न्यायालय को झूठे प्रमाण पत्र जिला प्रशासन की ओर से प्रस्तुत किए गए हैं। इस प्रकार के भ्रष्टाचारी कर्मचारी को बचाने का जो दुस्साह जिला प्रशासन कर रहा है, जिसकी कांग्रेस पार्टी  घोर निंदा करती है और मंगलवार को इस मामले में ज्ञापन धरना प्रदर्शन करेगी। 


क्या कहते है कलेक्टर साहब-----



मैं इस मामले को दिखवाता हूं।

- डा अभय अरविंद बेडेकर कलेक्टर आलीराजपुर


Share on WhatsApp