जोबट विधानसभा में भाजपा में बड़ी बगावत पूर्व विधायक माधोसिंह डाबर का निर्दलीय चुनाव लड़ना हुआ तय

नाम वापसी के अंतिम दिन जिले की चुनावी तस्वीर हुई साफ,

आलीराजपुर में 6 तो जोबट में 7 प्रत्याशी

आशुतोष पंचोली

आलीराजपुर न्यूज। ब्यूरो चीफ

जिले की दो विधानसभा क्षेत्र में नाम वापसी के अंतिम दिन जिले की चुनावी तस्वीर साफ हो गई है। आलीराजपुर में 6 तो जोबट विधानसभा क्षेत्र में 7 प्रत्याशी चुनावी मैदान में अब शेष रह गए है। जिले की जोबट विधानसभा क्षेत्र में भाजपा की बड़ी बगावत को भाजपा का प्रदेश व स्थानीय जिला संगठन नहीं रोक पाया व यहां से दो बार भाजपा से विधायक रहे माधोसिंह डावर की मान मनोव्वल के तमाम प्रयास असफल रहे और उन्हौंने नाम वापसी के दिन अपना नामांकन फार्म वापस नहीं लिया। जबकि उन्हें मनाने के लिए सांसद गुमानसिंह डामोर, भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष नागरसिंह चौहान, जोबट भाजपा प्रत्याशी विशाल रावत एवं भाजपा जिलाध्यक्ष मकू परवाल दो तीन दिनों से प्रयास रत थे। इसी क्रम में बुधवार को सांसद उनके भाबरा स्थित निवास पर भी गए थे किंतु वे वहां नही मिले। इसी प्रकार गुरुवार को भी सभी नेतागण सुबह भाबरा पहंुचे और उनके निवास पर गए किंतु माधोसिंह डावर बुधवार से ही अपने निवास से गायब थे यहां तक कि उनका मोबाईल भी लगातार स्वीच आफ रहा। उनके समर्थक व कार्यकर्ताओं से अवश्य ही वरिष्ठ भाजपा नेतागण सांसद डामोर आदि भाजपा कार्यालय पर उन्हें बुलवाकर उनसे चर्चा करते रहे। किंतु ऐसा लग रहा है कि समर्थकों के दबाव में माधोसिंह डावर दो दिन के लिए अज्ञात वास पर चले गए। इसी प्रकार उन्हें नाम वापसी के लिए किए गए सारे प्रयासों में भाजपा नेतागण व संगठन असफल रहा।!

आप कितना भी समझाओं चुनाव तो मैं लड़ूंगा ही 

कांग्रेस में रहकर भी डावर लड़ चुके है निर्दलीय चुनाव

माधोसिंह डावर ने 1998 में कांग्रेस में रहते हुए कांग्रेस के अधिकृत प्रत्याशी सुलोचना रावत के खिलाफ निर्दलीय चुनाव बैलगाड़ी चुनाव चिन्ह लेकर लड़ा था। जो कि वे हार गए थे। अब अपने राजनीतिक जीवन के उत्तरार्ध में राजनीतिक पारी फिर निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में लड़ने जा रहे है। कांग्रेस में रहकर पहले मां के खिलाफ लड़े और अब भाजपा में रहकर बेटे विशाल रावत के खिलाफ लड़ेंगे मतलब रावत परिवार से डावर की कोई पुरानी अदावत नजर आ रही है। वैसे माधोसिंह डावर 2003 से लेकर 2018 तक चार बार जोबट विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ चुके है। जिसमें वे 2003 व 2013 में दो बार जीते है और 2008 व 2018 में हारे है। इस बार उन्हौंने भाजपा से टिकट मांगा था किंतु पार्टी ने उन्हें टिकट नहीं दिया जिसके कारण वे निर्दलीय चुनाव लड़ रहे है। 


भाबरा के भाजपा कार्यालय पहंुचे सांसद सहित नेतागण

सोंडवा क्षेत्र से भाजपा में बगावत

भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष वकीलसिंह ठकराला ने सोंडवा क्षेत्र की उपेक्षा का आरोप लगाते हुए भाजपा से बगावत करते हुए पहले तो स्वयं ही चुनाव में खड़े रहने का कार्यकर्ताओं के आव्हान पर विचार किया। किंतु बाद में अपना निर्णय बदलते हुए अपने छोटे भाई सुरेंद्र ठकराला को चुनाव में बतौर निर्दलीय प्रत्याशी खड़ा कर दिया है। सोंडवा क्षेत्र से भाजपा में हुई इस बगावत के क्या मायने है और इसका कितना असर भाजपा प्रत्याशी नागरसिंह चौहान पर होगा अब यह तो मतदान व चुनाव परिणाम पर पता चलेगा। ठकराला के साथ सोंडवा क्षेत्र के भाजपा व कांग्रेस दोनों दलों के असंतुष्टों का एक बड़ा धड़ा जुड़ा हुआ है। हालांकि भाजपा संगठन व नेताओं की ओर से इस बगावत को शांत करने का प्रयास किया गया। किंतु वकीलसिंह ठकराला सोंडवा क्षेत्र की उपेक्षा का गंभीर आरोप लगाते हुए अपनी बात पर टिके हुए हैं। 

आलीराजपुरः सुरेंद्र ठकराला निर्दलीय 


जोबट कांग्रेस में भी बगावत

जोबट से कांग्रेस से सुरपाल अजनार ने भी टिकट मांगा था किंतु उन्हें टिकट नहीं मिला जिससे वे नाराज होकर कांग्रेस से बगावत करते हुए निर्दलीय ही चुनाव लड़ रहे है जिनका चुनाव में सिर्फ जोबट व उसके आसपास के कुछ ग्रामों में ही प्रभाव है। हालांकि वे जो भी वोट ले जाएंगे कांग्रेस का नुकसान ही करेंगे। 

 जोबटः सुरपाल अजनार निर्दलीय


आलीराजपुर विधानसभा 

कलेक्टर डा अभय अरविंद बेडेकर ने मीडिया को जारी बयान में बताया कि मुकेश पटेल कांग्रेस, नागरसिंह चौहान भाजपा, अंतरसिंह पटेल बसपा, सुरेंद्र ठकराला निर्दलीय, नवलसिंह मंडलोई निर्दलीय, हिरला चौहान निर्दलीय प्रत्याशी बतौर चुनाव लड़ेंगे।

जोबट विधानसभा 

इसी प्रकार जोबट से सेना महेश पटेल कांग्रेस, विशाल रावत भाजपा, माधोसिंह डावर निर्दलीय, सुरपाल अजनार निर्दलीय, दिलीप भूरिया निर्दलीय, रिंकू बाला डावर निर्दलीय, मोहनसिंह निंगवाल निर्दलीय प्रत्याशी बतौर चुनाव लड़ेंगे।   


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