उदयगढ़ में जनता कर्फ्यू के दौरान दिखी जबरदस्त एकता
उदयगढ़ से राजेश जयंत
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचाव के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के राष्ट्रव्यापी जनता कर्फ्यू आह्वान पर उदयगढ़ लगातार दूसरे दिन मुकम्मल बन्द रहा। उदयगढ़ कस्बे सहित आसपास के ग्रामीणों ने दैनिक आवश्यकताओं वाली सामग्री प्रधानमंत्री जी के आह्वान के साथ पहले से ही खरीद ली थी। दूध पार्लर और मेडिकल स्टोर के अतिरिक्त पूर्णतया इस बंद ने सूचना कांति के जबरदस्त प्रभाव को दर्शाने के साथ ही लोगों को स्वास्थ्य के प्रति सचेत होने के लिए एकजुट किया है।
पहले दिन की तरह ही दूसरे दिन भी लोगों ने सुबह से ही घर के बाहर नहीं निकलना सुनिश्चित कर लिया था और स्वयं के निश्चय को अंततः जबरदस्त सफलता मिली। संक्रामक वायरस से जंग के तहत बंद के साथ ही शाम 5 बजे समस्त लोगों ने अपने घर की छत, बरामदे में आकर ढोल मंजीरे कासे पीतल की थाली और ताली बजाई। श्री राम मंदिर में घंटी, घड़ियाल और शंख गूंजे वही मस्जिद में अजान हुई।
बंद के पहले थाना उदयगढ़ में शांति सुरक्षा समिति की बैठक आयोजित कर प्रशिक्षु डीएससी एवं थाना प्रभारी आशीष पटेल, नायब तहसीलदार कैलाश सस्तिया, जनपद सीईओ पवन शाह, एसआई एमके रघुवंशी आदि ने उचित दिशा निर्देश प्रदान किए थे। ग्राम पटेल, तड़वी, चैकीदार की जिम्मेदारी तय की थी ।
सफल बंद के लिए थाना प्रभारी आशीष पटेल ने आभार व्यक्त करते हुए लोगों से अपील की कि वह 1-2 दिन के बंद से ही अपने आप को सुरक्षित नहीं माने, सावधानी निरंतर बरतना है, तब ही हम इस जंग में कामयाब हो पाएंगे । तहसीलदार वंदना किराडे ने कहा कि कोरोना वायरस तब तक आपके घर नहीं आ सकता जब तक कि आप उसे बाहर लेने नहीं जाएंगे अतः घर रहिए-सुरक्षित रहिए।
जनता घर में सुरक्षित रहे इसलिए यह रहे सड़क पर
जनता कर्फ्यू मे प्रशिक्षु डीएसपी सह थाना प्रभारी आशीष पटेल, तहसीलदार वंदना किराडे, नायब तहसीलदार कैलाश सस्तिया, जनपद सीईओ पवन शाह, पंचायत सचिव सुनील गेहलोद सहित ग्राम कस्बों के चैकीदार, तड़वी, पटेल आदि ने व्यवस्था संभाली।
सन्नाटे से सहमे पशु-पक्षी
कोरोना वायरस के संक्रमण से बचने के लिए लगातार दूसरे दिन बंद के दौरान सड़क पर ना तो स्वान नजर आए और ना ही गाय तथा अन्य कोई जानवर। सड़क के समान ही आसमान में भी सन्नाटा छाया रहा। कौवे, कबूतर और चिड़िया दाना चुगने तक नहीं आए। जीवदया प्रेमी प्रतापसिंह जयंत, मोहिनी जयंत, गौरव जैन ने बताया कि वह बीते कई सालों से रोजाना छत पर पक्षियों के लिए दाना-पानी रखते हैं और गाय-स्वान को रोटी खिलाते है.. दशहरा-दीपावली के दौरान पटाखों के शोर से पक्षी कहीं चले जाते हैं लेकिन स्वान और गाय आते रहते हैं। पहली बार ऐसा हुआ है सन्नाटे से सहम कर पशु-पक्षी दोनो गायब हो गए हैं।