आलीराजपुर के बीआरसी बदले,मानेन्द्र सिंह गेहलोत नए बीआरसी बने

बीआरसी अविनाश वाघेला को माथना किया पदस्थ
जिला कांग्रेस अध्यक्ष महेश पटेल भारी पड़े प्रशासन पर 
आशुतोष पंचोली
आलीराजपुर न्यूज। ब्यूरो चीफ
जिला मुख्यालय को बीआरसी पद पर कलेक्टर सुरभि गुप्ता ने अपने नए आदेश जारी करते हुए इस पद पर अब शासकीय बालक मावि बाहरपुरा के प्रधानाध्यापक मानेंद्रसिंह गेहलोत को नया बीआरसी नियुक्त किया है। वहीं इस पद पर काम कर रहे सहायक शिक्षक अविनाश वाघेला को विकासखंड चंद्रशेखर आजाद नगर के ग्राम माथना में स्कूल में पदस्थ करने के आदेश जारी किए है। आलीराजपुर बीआरसी पद से श्री वाघेला को हटाने का मामला पिछले छह माह से चल रहा था। इस मामले में जिला कांग्रेस अध्यक्ष महेश पटेल की बड़ी भूमिका बताई जा रही है। क्यों कि जिला कांग्रेस अध्यक्ष पटेल ने ही बीआरसी वाघेला को पद से हटाने की मांग करते हुए प्रभारी मंत्री व कलेक्टर को पत्र लिखे थे। 


आलीराजपुर जिले में शिक्षा विभाग में नित नये प्रयोग जहां शासन की ओर से किये जाते है। वहीं जिले के मलाईदार पदों बीईओ, बीआरसी को लेकर भी आये दिन चर्चाए बनी रहती है। ऐसे ही जिले के मुख्यालय आलीराजपुर स्थित विकासखण्ड में बीआरसी के पद को लेकर भी लंबे समय से चर्चाओं का दौर जारी था। पुर्व प्रभारी बीआरसी सहायक शिक्षक अविनाश वाघेला का तबादला भाबरा विकासखण्ड के माथना में होने के बाद से ही यह कवायद लगाई जा रही थी कि आलीराजपुर विकासखण्ड की कमान आगे किसके हाथ में होगी। किन्तु अविनाश वाघेला का तबादला होने के बावजूद वे अपनी योग्यता व कार्यकुशला के चलते  पद पर बने रहे। हालांकि राजनीतिक गलियारों में भी तबादला होने के बावजूद बीआरसी पद पर अविनाश वाघेला का बने रहना कहीं न कही खलता रहा। जिसका परिणाम यह हुआ कि अंततः आलीराजपुर विकासखण्ड को मानेन्द्र सिंह गेहलोत प्रधान पाठक बालक माध्यमिक विद्यालय बहारपुरा आलीराजपुर बीआरसी के रूप में मिला। अब यह देखना गौरतलब होगा कि श्री गेहलोत जिला मुख्यालय पर स्थित विकासखण्ड पर किस ढंग से बीआरसी पद की जिम्मेदारियों का वहन करेंगे। इस पद पर जनप्रतिनिधियों व अधिकारियों की विशेष नजर होती है। वे अपने अनुभव से किस तरह जनपद शिक्षा केन्द्र आलीराजपुर को चलाते है और कहां तक अपनी कार्यप्रणाली से शिक्षकों, विद्यालयों, अधिकारियों, जनप्रतिनिधियों पर अपनी छाप छोड़ते है और कब तक बने रहते है यह भी उल्लेखनीय होगा। 
यह है आलीराजपुर कलेक्टर का आदेश


जिले के अन्य विकासखंडों में हो सकता है फेरबदल
 वहीं जिले के अन्य विकासखण्डों में कार्यरत बीआरसी और बीईओं की कार्यप्रणाली को लेकर भी चर्चाए बनी है। और भी बीआरसी और बीईओं को हटाया जा सकता है और नये बनाये जा सकते है। बीईओ बीआरसी के समकक्ष अहर्ता रखने वाले कर्मचारी को ही प्रभारी के रूप में बीईओं बीआरसी के पद दिये जाने होते है। किन्तु ज्ञात रहे कि पुर्व कलेक्टर गणेश शंकर मिश्रा के समय जिले में यह प्रथा प्रांरभ हुई थी। उक्त पदों के समकक्ष नहीं होने के बावजूद भी ऐसे कई विकासखण्डों में बीईओं बीआरसी के पद पर नियुक्तियां की गई जैसे सोण्डवा में अध्यापक रामानुज शर्मा को सोण्डवा बीईओ, कठ्ठीवाड़ा में अध्यापक शरद क्षीरसागर को बीईओ, सुनील दुबे वर्तमान आलीराजपुर बीईओ को प्रभारी प्राचार्य एकलव्य वि़द्यालय उमराली, महेन्द्र गोयल को सहायक संचालक आदिवासी विकास विभाग, शेखर कुलकर्णी बीईओ चन्द्रशेखर आजाद नगर को  श्री मिश्रा ने अपने कार्यकाल के दौरान इन्हे पदों पर बिठाया था। मध्य प्रदेश शासन के नियम के विपरीत आलीराजपुर जिले में अपनी मन पसंद अफसरों को बिठाना  एक परंपरा बन गई है। हालांकि सुनिल दुबे, रामानुज शर्मा व क्षीरसागर अपनी योग्यता व कार्यानुभव के बल पर इस पद पर पहंुचे थे किंतु बाद में इस योग्यता के माध्यम से भाजपा शासन में किस ढंग से उपक्रम करवाए गए यह सभी को पता है। 

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