करीब 18 लाख की अवैध शराब हुई जप्त,
एक माह में अवैध शराब बनाने की दूसरी फैक्ट्री पकड़ी गई
आशुतोष पंचोली
अलीराजपुर न्यूज। ब्यूरो चीफ
आदिवासी अंचल आलीराजपुर जिले में जहां एक ओर शराब के ठेकेदार करोड़ो रूपये की फिस भरकर शराब बेचने के ठेके ले रहे है वहीं दूसरी ओर जिले में अवैध शराब बनाने की फैक्ट्रीयां भी पूरे साजो सामान व उपकरण के साथ दबंगता से चलाई जा रही है। हालाकि आबकारी विभाग इन अवैध फैक्ट्रीयों की धरपकड़ जरूर कर रहा है। किन्तु यह कार्रवाई उंट के मुँह में जीरे के समान है। शनिवार 29 फरवरी को आबकारी विभाग के अमले ने आलीराजपुर जिला मुख्यालय से सटे हुए ग्राम इंदरसिंह की चौकी में एक अवैध शराब बनाने की फैक्ट्री का भांडाफोड़ करते हुए बड़ी मात्रा में शराब बनाने के उपरकण, स्प्रीट, फिल्टर मशीन सहित करीब 18 लाख रूपये मूल्य की अवैध शराब जप्त की है। हांलाकि आबकारी विभाग ने जिस मकान से अवैध शराब बनाने की फैक्ट्री पकड़ी है वहीं इस मामले में किसी को भी आरोपी नहीं बनाया है।
सूत्र बता रहे है कि आरोपी नहीं बनाने के एवज में बड़ी रकम का आफर प्रस्तावित किया गया है। अब यह जांच का विषय है कि आबकारी विभाग ने इस मामले में अभी तक किसी को आरोपी क्यों नहीं बनाया। क्या आबकारी विभाग के छापामार कार्रवाई के पूर्व ही शराब बनाने वाले कथित आरोपी मौके से भाग निकले थे या फिर उन्हें वहां से सुरक्षित निकल जाने का मौका दिया गया। आबकारी विभाग ने इसके पूर्व गत 30 जनवरी को भी कलेक्टर एसपी निवास के सामने से अवैध शराब बनाने की फैक्ट्री पकड़ी थी।
जिला आबकारी कार्यालय ने मीडिया को जारी विज्ञप्ति में बताया कि आलीराजपुर कलेक्टर सुरभि गुप्ता के निर्देशन, जिला आबकारी अधिकारी धर्मेंद्र सिंह भदौरिया के मार्गदर्शन में तथा सहायक जिला आबकारी अधिकारी आर.एस. राय के नेतृत्व में शनिवार को वृत्त आलीराजपुर में ग्राम इंदर सिंह की चौकी के होलीपुरा फलिया में मंजरिया के रहवासी मकानों में दबीश दी।
बड़ी मात्रा में मिले अवैध शराब बनाने के उपकरण
आबकारी विभाग की टीम जब दबीश देने मौके पर पहुंची तो देखकर चकित ही रह गई। अवैध शराब बनाने की सारी सामग्री, उपकरण, स्प्रीट आदि सामान बड़ी मात्रा में मौके पर पाया गया। जिसे जप्त करने की कार्रवाई की गई। मौके से आबकारी विभाग टीम को कुल 680 लीटर स्प्रिट, पोलो व्हीस्की की 225 बनी हुई पेटियां (मात्रा 2025 बल्क लीटर), प्लास्टिक की 18 बोरियों में ढक्कन, 01 रिम होलोग्राम, 15 बोरियों में गत्ते(पुष्टे),पोलो तथा किंग व्हिस्की के लेबल, विभिन्न ब्रांड के ढक्कन, 01 ढक्कन सील करने की ऑटोमैटिक मशीन, एक आर.ओ. वाटर प्लांट, एक सॉफ्टनर मशीन, होलोग्राम का एक बंडल, 200 लीटर क्षमता के 22 बड़े खाली ड्रम स्पिरिट सुगंधित, पानी की 02 टंकियाँ एवं शराब बनाने की अन्य सामग्री जप्त कर मध्यप्रदेश आबकारी अधिनियम 1915 (संशोधन 2000) की धारा 34(1) (क) (एफ), 34(2), 49(1)(अ) का प्रकरण कायम कर विवेचना में लिया गया किये गए। जप्त सामग्री की अनुमानित कीमत लगभग 18 लाख रूपये है।
शराब ठेकेदारों ने पकड़वाई शराब
इस प्रतिनिधि को विश्वस्त सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार ग्राम इंदरसिंह की चैकी में अवैध शराब की फैक्ट्री पकड़ने की कार्रवाई के पीछे जिले के शराब ठेकेदारो का हाथ बताया जा रहा है। वित्तीय वर्ष 2019-20 का अंतिम महीना शेष बचा है जिसमें शराब ठेकेदार अधिक से अधिक मात्रा में फिस वसूल कर कमाई करना चाह रहे है। जिसके चलते शराब ठेकेदार आबकारी विभाग पर दबाव बनाकर अवैध शराब की फैक्ट्रीयों व वहां से बनकर निकलने वाली सैकड़ों पेटी शराब जप्त कर अपने धंधे की नुकसानी को बचाने में सक्रिय हो गये है। आबकारी विभाग की इस कार्रवाई के दौरान शराब ठेकेदार ग्रुप के मैनेजर आबकारी विभाग कंट्रोल रूम एवं आबकारी विभाग के गोदाम पर भी नजर आये। आबकारी विभाग के कंट्रोल रूम पर जैसे ही पत्रकारगण जिला आबकारी अधिकारी भदौरिया के कक्ष में मामले की जानकारी लेने के लिये पहुंचे तो वहां पर शराब ठेकेदार ग्रुप के प्रबंधक अपने एक साथी के साथ बैठे हुए नजर आये। पत्रकारों को देखते ही वे तुरंत कुर्सी से उठे और उनके कक्ष से बाहर निकल गये। हांलाकि आबकारी विभाग का अमला हरकत में आया है। यह अच्छी बात है किन्तु इस प्रकार की कार्रवाई पूरे जिले के कई संदिग्ध ग्रामों में भी होना चाहिये। यदि अवैध शराब बनाने के लिये चर्चित जिले के कई ग्रामों में आबकारी विभाग दबीश देकर कार्रवाई करें तो कई बड़े खुलासे हो सकते है। आबकारी विभाग की कार्रवाई कितने दिनों तक चलेगी यह देखना गौरतलब होगा।