सुरम्य वन में चाटलिया पानी स्थित वनेश्वर महादेव पर महाशिवरात्रि पर भक्तों की भीड़, मेघ मांडवा मंदिर पर फलाहारी खिचड़ी बंटी
कठ्ठीवाड़ा से प्रेम गुप्ता की रिपोर्ट।
सघन और सुरम्य वन में स्थित चाटल्या पानी क्षेत्र में स्थित वनेश्वर महादेव मंदिर पर बढ़ी संख्या में भक्त जन दर्शन करने पंहुचे, मेघ मांडवा हनुमान मंदिर पर फलाहारी खीचड़ी का वितरण भी किया गया जिसमें सैकड़ों श्रद्धालुओं ने ग्रहण किया। महाशिवरात्रि के अवसर पर कट् ठीवाड़ा क्षेत्र के अनेक मंदिरों में विभिन्न कार्यक्रम हुए। क्षेत्र के सघन वन में स्थित चाटलियापानी में स्थित बनेश्वर महादेव मंदिर पर सैकड़ों श्रद्धालुओं ने जाकर दर्शन किए । चाटलिया पानी स्थित इस मंदिर में प्राकृतिक जलधारा द्वारा निरंतर शिवलिंग पर अभिषेक किया जाता है । यह स्थल प्राकृतिक रूप से दर्शनीय तो है ही , साथ ही यहां जाने वाले भक्तों को आत्मिक शांति का अनुभव होता है। इस स्थल की देखरेख स्थानीय वन अमले द्वारा की जाती है।
चाटलिया पानी कट्ठीवाड़ा से 6 किलोमीटर दूर ग्राम नानीबार ग्के पास जंगल मे है ।जहां पहाड़ी के नीचे भगवान शिव जी का प्राचीन छोटा मंदिर है । उस पहाड़ से प्राकृतिक निरन्तर बहती धारा मंदिर में बने शिवलिंग पर गिरतीं थी । परन्तु अब वहा रख - रखाव की वजह से यह धारा शिवलिंग पर नही गिरती है, पर मंदिर के सामने से यह धारा बारह महीने हमेशा निरन्तर बहती है। हर शिवरात्रि पर यहा श्रदालू बड़ी संख्या में दर्शन करने आते है । अगर मंदिर का रख-रखाव किया जाय तो यहाँ पयर्टन को बढावा मिलेगा
शिवरात्रि के दिन क्षेत्र के प्रमुख धार्मिक पर्यटन स्थल मेघ मांडवा स्थित शिव मंदिर पर विशेष श्रृंगार किया गया । इस अवसर पर स्थानीय समिति द्वारा फलाहारी खिचड़ी का वितरण भी किया गया जिसमें सैकड़ों की संख्या में भक्तों ने प्रसादी ग्रहण की मंदिर के बाबा शिव चरण में वाल ने बताया कि इस वर्ष श्रद्धालुओं में महाशिवरात्रि पर अधिक उत्साह रहा। क्षेत्र के धनार माता मंदिर स्थित शिव मंदिर पर शाम को भजन संध्या के साथ महा आरती का आयोजन हुआ, यहां भी श्रद्धालुओं के लिए फलाहारी खिचड़ीएवम ठंडाई का आयोजन किया गया था
महाशिवरात्रि कार्यक्रम में धनार माता मन्दिर समिति के प्रकाश बारेला, आदित्य गुप्ता, वासुदेव ठंडी, धीरज गुप्ता, विजय भाई, संजू कुलकर्णी, आशु गुप्ता, शनि राठौड़, सौरभ गुप्ता, नारायण राठौड़ एवम मेघ मांडवा मन्दिर समिति में राजेंद्र अवास्या, दिग्विजयसिंह मेवाल पप्पू सिंह बारिया, राजू लक्षकार का सराहनीय योगदान रहा।