अंचल में महिला दिवस पर हुए अनेक आयोजन

नारी साक्षरता अभियान एक अनूठा प्रयासः आदिवासी महिला मंडल ने की नई शुरुआत,
अखिल भारतीय ब्राम्हण महासभा की पूर्णिमा व्यास ने किया महिलाओं का सम्मान
आशुतोष पंचोली 
आलीराजपुर। ब्यूरो चीफ
अंर्तराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में 8 मार्च शुक्रवार को आदिवासी समाज की महिला मंडल की ओर से एक नई शुरुआत की गई। महिला मंडल की ओर से नारी साक्षरता अभियान की नई पहल की गई हैं। इसका शुभारंभ महिला दिवस के उपलक्ष्य में ग्राम खरपई में किया गया।

 यह एक बेहतरीन पहल है जिसमें चलाए जाने वाले कार्यक्रम में आदिवासी समाज की निरक्षर महिलाओं का साक्षर किया जाएगा। इस पहल की सराहना हो रही है। प्राप्त जानकारी के अनुसार  आदिवासी समाज महिला प्रमुख प्रीतीबाला डावर ने अपनी सहयोगी ऋषिका वसावा, रेशम भंवर, बिरज चैहान व संजू रावत के साथ शुक्रवार 8 मार्च को ग्राम खरपई में महिलाओं की जमीनी स्तर पर स्थिती में सुधार के लिए व उनमें जागरुकता लाने के लिए उन्हें साक्षकर करने का बीड़ा उठाया। 

इसी क्रम में एक नई पहल नारी साक्षरता की शुरुआत की गई है। महिला सशक्तिकरणकी ओर से से घर घर शिक्षा का अलगख जगाने का एक बहुत ही सराहनीय प्रयास इनके द्वारा किया गया। इस अभियान की खास बात यह है कि यह पूर्णतः निशुल्क है। बिना किसी खर्च के महिलाएं शिक्षित व साक्षर होंगी। एक महिला शिक्षिका की व्यवस्था की गई है। जो निरक्षर महिलाओं को साक्षर व शिक्षित करेगी। शिक्षिका को मानदेय प्रिती डाव एवं सहयोगी टीम के द्वारा दिया जाएगा। 

इस अभियान की शुरुआत शुक्रवार से ही ग्राम खरपई के एक स्थान पर की गई। बिना किसी औपचारिकता के शुभारंभ किए इस अभिनव कार्यक्रम में रेशम भंवर, ग्राम सचिव, ग्राम के पटेल भगतसिंह चैहान, किरण डावर, संजू रावत, बिरज चैहान, वर्षा परिहार, आरती वाणी, अनिता गेहलोत, ग्राम के गणमान्य नागरिक एवं बड़ी संख्या में महिलाएं उपस्थित थी। आभार ऋषिका वसावा ने माना।

 पूर्णिमा व्यास ने किया महिलाओं का सम्मान
 अखिल भारतीय ब्राम्हण महासभा की पूर्णिमा व्यास ने महिला दिवस पर बताया कि नारी तू नारायणी है, इस भाव के साथ नारी के विभिनन रूपों, कार्यों क्षेत्रों में बढ़ते कदम के साथ आज की नारी ने प्रत्येक क्षेत्र में विजय पताका फहराई है। नगर समाज की मातृ शक्ति अपने कार्याे से अदम्य साहस, धैर्य, त्याग, तपस्या, बुद्धिचातुर्यता, ममतामयी की प्रतिमूर्ति बनकर समाज को एक महत्वपूर्ण संदेष देती है। ऐसी मातृ शक्ति जिन्होंने अपने बल पर सामाजिक, राजनैतिक, धार्मिक, प्रषासनिक, न्यायिक, व्यावसायिक तथा विभिन्न क्षेत्रों में परिवार के साथ समाज में अपना विषिष्ट स्थान बनाया है। उन्हें आज सम्मानित करते हुए मुझे बहुत गर्व हो रहा है। पूर्णिमा व्यास ने समाज की इन सभी नारियों का इनके निवास स्थल पर जाकर पुष्पहार से स्वागत कर, प्रतीक चिन्ह भेंट किया। 

ये हुई सम्मानित:
 सिंधु कावले, वंदना शर्मा, उषा जोषी, रत्ना शर्मा, सुनिता मेहता, वसुधा जोषी, शषि शर्मा, दीपा सिहोटा, अमिता जोषी, ज्योति जोषी, अंजली शर्मा को सम्मानित किया गया। 

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