जयस सामाजिक संगठन था,है और रहेगा,वोट बैंक की राजनीति अब नही चलेगी-जयस

आशुतोष पंचोली
 आलीराजपुर। ब्यूरो 
पूर्व विधायक और बीजेपी प्रदेश प्रवक्ता श्री नागरसिंह चौहान द्वारा बीते दिनों प्रेस विज्ञप्ति में राणापुर की नाबालिक लड़की के योन उत्पीड़न और आत्महत्या की घटना को लेकर जयस के चुप रहने पर सवाल उठाया और उसे राजनीतिक दल बताने की कोशिश की।
जवाब में पलटवार करते हुए जयस अलीराजपुर की स्थानीय बैठक के बाद एक प्रेस नोट जारी किया गया।  जिसमें बताया गया कि जयस(जय आदिवासी युवा शक्ति)एक पूर्णतः सामाजिक संगठन है,जो समाज के हक अधिकारों की बात करता है ।शोषण अत्याचार के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद कर शोषित को न्याय दिलाने के लिए संकल्पित है।,चूंकि जयस में पड़े लिखे युवा,अधिकारी कर्मचारी,किसान,मजदूर सब्जी वर्ग शामिल है यहां तक कि गेर आदिवासी समाज भी जयस के समर्थक है इसलिए,जयस सविंधान के दायरे में रहकर काम करता है।
जयस कोर कमिटी अलीराजपुर के पदाधिकारियों ने बताया के 4 जनवरी को हुई घटना को को जयस झाबुआ ने तत्काल संज्ञान में लेकर उसकी जांच हेतु सबंधित थाना प्रभारी से मिलकर महेश भाबोर,अनिल कटारा सहित साथियो ने जाकर चर्चा की जिसके बाद महेश भाबर द्वारा सोशल मीडिया पर विरोध प्रकट कर जिम्मेदार को फांसी की सजा की मांग भी की थी,
इसी सबन्ध में दिनांक 20 जनवरी रविवार को संभागीय बैठक मनावर में आयोजित की गई थी, जिसमे जयस संस्थापक सहित कही जिलों के प्रतिनिधि शामिल हुए और जयस की भूमिका,उद्देश्य सहित कहीं मुद्दों पर चर्चा की गई,जिसमे राणापुर के उक्त घटनाक्रम पर भी विशेष चर्चा हुई,जिसमे झाबुआ जयस के पदाधिकारियों द्वारा इस घटना की जांच में सहयोग कर पीड़ित परिवार को न्याय दिलाने की बात कही और जल्दी ही झाबुआ अलीराजपुर जिले की संयुक्त प्रेस वार्ता भी की जाएगी।
प्रेस विज्ञप्ति में बताया के जयस ने गत वर्षों में कही उल्लेखनीय कार्य किये है और हर प्रकार के शोषण, अत्याचार के विरुद्ध अपनी आवाज उठायी है चाहे वो सोंडवा के रवीना बलात्कार हत्याकांड हो,स्वामी विवेकानंद विद्या पीठ में दो बच्चो की संदेहास्पद मौत हुई हो,मानव तश्करी के मुद्दे पर हो,साहूकारिता के छेत्र में हो,आरक्षण,एट्रोसिटी,पद्दोन्नति, के मामलों में,शिक्षा,स्वास्थ, रोजगार के लिए जयस लगातार सरकार से संघर्ष कर रहा है चाहे वो बीजेपी0 को हो या वर्तमान कोंग्रेस की।
जयस द्वारा पूर्व विधायक का आभार व्यक्त करते हुए कहा के हमारे ये कार्य सम्मानीय सराहनीय है जिसकी वजह से समाज जयस पर भरोसा करता है। पूर्व विधायक द्वारा भी कही न कही अब भरोसा किया है के ऐसा बड़ा कार्य सिर्फ जयस ही कर सकता है इसके लिए उनको धन्यवाद।
वोट बैंक की राजनीति का जवाब देगा जयस
प्रेस विज्ञप्ति में जयस की ओर से यह बात कही गई जिसमें जयस ने स्पष्ट किया कि
हम बताना चाहते है कि भाजपा  सरकार 15 सालो तक रही आपके 15 साल के कार्यकाल के दौरान ही धर्मांतरण का आंकड़ा बड़ा है,चर्च की संख्या बढ़ी है और स्वास्थ्य, शिक्षा का स्तर कम हुआ है तब इन्होंने कोई आवाज नही उठाई न अलीराजपूर में नही विधानसभा में,जो पार्टी धर्म का ठेका लिए हुए है उसी के आंगन में चर्च शुरू हुए ओर आज वही लोग एक सामाजिक संगठन के ऊपर उंगली उठा रहे हैं। यदि पार्टीवादी लोग इसी तरह आरोप प्रत्यारोप कर अपनी राजनीति करते रहे तो वोट बैंक की राजनीति का समाज आने वाले समय में जवाब देगा। अब समाज के युवा जाग चुके है समझदार हो चुके है अब वो अपने विवेक से काम लेते है।
राणापुर की घटना को बेहद गम्भीर लेते हुए जयस न सिर्फ इस घटना के खिलाफ है बल्कि जल्दी ही इसके विरोध में सड़कों पर उतरेगा।
 इस तरह की घटनाएं मन्दिर,मस्जिद आदि जगह पर भी होती है उस समय कोई पार्टी और संगठन के लोग नही बोलते चाहे वो कोंग्रेस,बीजेपी,ही क्यों न हो,तब सिर्फ जयस ही परिवारजनों से मिलकर उनकी मदद करता है।
लेकिन ऐसे मामलों में यदि सभी संगठन पार्टी हमारे साथ मिलकर इस सामाजिक बुराई के खिलाफ लड़ना चाहते है तो हम तैयार है आप सभी का स्वागत है लेकिन समाज को राजनीतिक मंच बनाने की कोशिश न करे तो सब सम्भव है।
हम समाज की संस्कृति, परम्परा को जिंदा रखने के लिए कार्यरत है,हमारा नारा ही है संस्कृति की ओर चलो,दहेज,नशा मुक्ति,के लिए अभियान सिर्फ जयस ने चलाया है।
हम आपको याद दिला दे वर्ष 2016 की बिरसा मुंडा जयंती समारोह कार्यक्रम में हमने जोबट के मंच से धर्मांतरित लोगो की वापसी करवाई थी,
बरझर में होने वाले बड़े आयोजन को रोका था,
ग्राम-वास्कल में चर्च की नींव खोदने के बाद उसका काम बंद करवाकर रोका गया,
ऐसे कही काम किये है, जिसमे समाज की संस्कृति परम्परा को जीवित रखने का संकल्प लिया जाता है। विश्व आदिवासी दिवस 9 अगस्त भी हमे आदिवासी गौरव को महसूस करवाता है जिसमे लाखो की संख्या में आदिवासी समाज एकत्रित होकर समाज के लिए चिंतन मंथन करता है ओर उसी का प्रभाव है के नव युवाओ में आदिवासी पोशाक,रीति-रिवाज के प्रति संवेदनशील नजर आरहे है आप सोशल मीडिया में देख सकते हो,गाता,पाटला,ईन,बाबा भिलवट सभी जगह हमारे युवा,अधिकारी कर्मचारी गांव जाते है और संस्कृति अनुरूप ही अनुसरण करते है। ये क्रांतिकारी कदम जयस की ही देन है कि आज पडा लिखा शिक्षित, अधिकारी कर्मचारी वर्ग गांव की ओर रुख करने लगा है जिससे धर्मांतरण पर भी काफी हद तक अंकुश लगा है।
रही बात कोंग्रेस पार्टी के साथ देने की आपको हम बता दे हमारे जिले में किसी भी कार्यकर्ता ने किसी पार्टी का प्रचार नही किया है ये अलग बात है के आप अपना वोट डालते है वो किसको जाता है इस सबन्ध में हमने आचार सहिंता के पहले भी प्रेस नोट जारी करके स्पष्ट किया था के हम किसी का समर्थन नही करते है न करेंगे,यदि कोई कार्यकर्ता किसी पार्टी से सबन्ध रखता भी है तो वो निजी तौर पर ही होता है संगठन की ओर से नही।
हम खुद के नेतृत्व को तैयार करने की ओर अग्रसर है न के किसी पार्टी विशेष के साथ जाकर।
यदि कोंग्रेस को ये भ्रम है तो वो भी दूर करले,
चुनावी परिणाम आने के बाद से ही वर्तमान सरकार और जनप्रतिनिधियों द्वारा समाज के कार्यकर्ताओं को नजर अंदाज किया जा रहा है,चंद लोगो ने हमारे जनप्रतिनिधियों को हाइजैक किया हुआ है। जिससे समाज के लोगो मे आक्रोश भी है जल्दी ही जिले के दोनों विधायक को ज्ञापन देकर समाज और जिलेभर की समस्या के निराकरण हेतु धरना दिया जाएगा जिसमे पूर्व विधायक को भी न्योता दिया जाएगा।
जयस समाज की अंतिम आस है इसके खिलाफ जाने वालों को हम चुप भी रहे तो समाज सबक सिखाएगा ही,
प्रेस विज्ञप्ति में जयस के पदाधिकारियों द्वारा बताया के समाज को भ्रमित करने वाले को हम देख रहे है और धर्मांतरण के मुद्दे पर पिछली राज्य से केंद्र तक सरकार को घेरते हुए कहा के शासन,प्रशासन आपका था आपने कोई ऐसा कानून क्यो नही बनाया जिससे धर्मांतरण बन्द हो?? अथवा नियंत्रित हो,
आप 10% सवर्णों के आरक्षण पर बिल ला सकते हो,
आप तीन तलाक पर बिल ला सकते हो,
मन्दिर,मस्जिद, चर्च पर बहस कर सकते हो, तो फिर धर्मांतरण पर क्यो नही किया????
क्यो आपने कोई पहल नही की???
यदि नही बनाया तो बेबुनियाद किसी सामाजिक संगठन पर उंगली उठाने का सवाल ही नही उठता।
जयस द्वारा बताया के यदि धर्मांतरण पर सरकार कुछ नही करेगी तो आदिवासी समाज पृथक आदिवासी धर्म कोड की मांग करेगा ताकि उसकी संस्कृति, परम्परा बची रहे और धर्मांतरण बन्द हो।
बैठक के दौरान जयस के विक्रम चौहान,अरविंद कनेश,रितु, सालम,राजेन्द्र,सहित काफी संख्या में कार्यकर्त्ता मौजूद रहे।
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