आशुतोष पंचोली
आलीराजपुर। ब्यूरो
मप्र लिपिक वर्गीय ओर चतुर्थ श्रेणी शासकीय कर्मचारी संघ की मांगे पूरी नही होने से इन कर्मचारियों में शासन के खिलाफ खड़ा रोष ओर आक्रोश है। अपनी मांगें नहीं माने जाने पर एक बार फिर से इन कर्मचरियों ने आंदोलन शुरू करने का शंखनाद कर दिया है।इसकी शुरुआत 10 सितंबर को वित्तमंत्री जयंत मलैया के मंत्रालय व बंगले का घेराव कर होगी। इसे गिरफ्तार करो आंदोलन का नाम दिया गया है। जिला लिपिक संघ के अध्यक्ष दिलीपसिंह पंवार ने बताया कि मप्र लिपिक कर्मचारी संघ के आह्वान पर पूरे प्रदेश के 51 जिलों से हजारों की संख्या में लिपिक ओर चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी अपनी 23 सूत्री मांगो को लेकर प्रदेश के वित्त मंत्री के बंगले ओर मंत्रालय का घेराव करेंगे। भोपाल में आयोजित होने वाले इस गिरफ्तार करो आंदोलन में अलीराजपुर जिले से बड़ी संख्या में लिपिक वर्ग और चतुर श्रेणी कर्मचारी बस आदि छोटे बड़े वाहनों से शुक्रवार की शाम को भोपाल के लिए निकले है।
इस के बाद 11 सितंबर को प्रदेश के सभी जिलों में धरना प्रदर्शन होगा, जो 15 सितंबर तक चलेगा। 16 सितंबर से प्रदेशव्यापी अनिश्चितकालीन आंदोलन किया जाएगा। इसके पहले भी संघ लंबी हड़ताल कर चुका है, लेकिन इस दौरान वित्तमंत्री के साथ भोपाल में हुई बैठक के बाद इसे स्थगित कर दिया गया था। संघ का कहना है कि हमें आश्वासन दिया गया था कि दो कैबिनेट मीटिंग में मांगों पर विचार कर लिया जाएगा, लेकिन अभी तक हमारी मांगों पर विचार नहीं किया गया है और यह कोरा आश्वासन ओर विश्वासघात साबित हुआ है।इसलिए एक बार फिर हमें आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। संघ ने शासन को स्पष्ट चेतावनी दे दी है कि उनकी मांगें जब तक पूरी नही होगी तब तक वे आंदोलन खत्म नही करेंगे।
इस के बाद 11 सितंबर को प्रदेश के सभी जिलों में धरना प्रदर्शन होगा, जो 15 सितंबर तक चलेगा। 16 सितंबर से प्रदेशव्यापी अनिश्चितकालीन आंदोलन किया जाएगा। इसके पहले भी संघ लंबी हड़ताल कर चुका है, लेकिन इस दौरान वित्तमंत्री के साथ भोपाल में हुई बैठक के बाद इसे स्थगित कर दिया गया था। संघ का कहना है कि हमें आश्वासन दिया गया था कि दो कैबिनेट मीटिंग में मांगों पर विचार कर लिया जाएगा, लेकिन अभी तक हमारी मांगों पर विचार नहीं किया गया है और यह कोरा आश्वासन ओर विश्वासघात साबित हुआ है।इसलिए एक बार फिर हमें आंदोलन के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। संघ ने शासन को स्पष्ट चेतावनी दे दी है कि उनकी मांगें जब तक पूरी नही होगी तब तक वे आंदोलन खत्म नही करेंगे।