जोबट के सरकारी अस्पताल में इलाज के लिये परेशान हो रहे मरीज

राजेश डुडवे
जोबट।  निप्र
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जोबट हमेशा इलाज के मामले में चर्चा में रहा यहां पर गिनती के कर्मचारी तथा डॉक्टरों के भरोसे अस्पताल चल रहा दूसरी और स्वास्थ्य सुविधाओं को सरकार बेहतरीन बनाने का दावा कर रहा है जो पूरी तरह से फेल नजर आ रहा है कि डॉक्टरों की कमी तो कही दवाओं की कमी से मरीज परेशान है।
भर्ती होने वाले मरीजों का देखरेख भगवान भरोसे
जोबट के सरकारी अस्पताल मे प्रतिदिन आने वाले मरीजों की संख्या की बात की जाए तो जिला मुख्यालय स्थित आलीराजपुर अस्पताल के बाद सर्वाधिक मरीज सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र जोबट में आते हैं इसके बाद अस्पताल की व्यवस्था पूरी तरह से चौपट है जोबट के सरकारी अस्पताल में सुविधा ना मिलने से मजबूरी में मरीज प्राइवेट अस्पताल पर पहुंच रहे जहाँ इनका शोषण हो रहा है। अस्पताल पर डॉक्टरों कर्मचारी की कमी के चलते व्यवस्था चरमराई हुए हैं। रात्रि मे एक नर्स के भरोसे चलता है अस्पताल

रात 9 बजे एसडीएम अखिल राठौड़ पहुंचे अस्पताल, तो किया डाक्टर ने इलाज 
 सरकारी अस्पताल में बुधवार शाम को मरीजो के उपचार के लिए डॉक्टर व स्टाफ उपलब्ध ना होने कि सुचना देकर जोबट एसडीएम अखिल राठौर को परिजनो ने सरकारी अस्पताल बुलवा लिया। जेसै ही एसडीएम रात 9 बजे अस्पताल पहुंचे तो सबसे पहले  कर्मचारियों से हाजिरी रजिस्टर मंगवाया लेकिन सरकारी अस्पताल में उपस्थित कर्मचारियों ने रजिस्टर लाने में आनाकानी की तथा ड्यूटी चार्ट भी गायब था। इस बीच कुछ मरिज परेशान हो रहें थे। जिन्हें तत्काल उपचार शुरू करने का निर्देश दिया तथा वे स्वयं मौजूद रहकर इलाज शुरू करवाया।डॉक्टर व पर्याप्त स्टाफ के उपलब्ध नहीं होने के साथ अस्पताल में पर्याप्त लाइट की व्यवस्था नहीं होने पर एसडीएम ने नाराजगी व्यक्त करते हुए सीबीएमओ को फोन पर फटकार लगाई ओर अस्पताल मे आने का कहा, लेकिन सीबीएमओ अस्पताल पहुंचना उचित नहीं समझें एसडीएम के अस्पताल निरीक्षण करने की सूचना मिलते ही चिकित्साकर्मियों में हड़कंप मच गया। कर्मचारियों ने फोन कर नदारत ड्यूटी डॉक्टर को एसडीएम के आने की सूचना दी एसडीएम  के आने के 10 मिनट बाद डॉक्टर अस्पताल परिसर में पहुंचे।  
प्रियांशी का उपचार शुरू हो सका
ग्राम कनवाडा निवासी किशन डुडवे ने एसडीएम को बताया कि मे मेरे बच्ची प्रियांशी को लेकर दोपहर से इलाज के लिये भटक रहा हू यहा पर डॉक्टरों के नहीं होने से  बच्चा परेशान हो रहा था। वे पिता की पीडा देखकर तत्काल उपचार शुरु करवाया। जर्मन सिंह उज्जैन निवासी ने बताया कि वे चार दिन से बच्चे को लेकर ईलाज के लिए भटक रहे तथा यहां से बीना जाचं किए आलीराजपुर रैफर कर दिया ओर वहां से भी वापस लोटा दिया।इस पूरे दौरे में खास बात तो यह रही कि एसडीएम ने अस्पताल पहुंचते ही सीबीएमओ को फोन लगाया लेकिन सीबीएमओ डा.डीआर डावेल वहां उपस्थित नहीं हो पाए

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