आशुतोष पंचोली
आलीराजपुर। ब्यूरो
आलीराजपुर नगर में भादवा मास की कृष्ण पक्ष तीज पर मनाए जाने वाला सत्तू की तीज का पर्व सुहागिन महिलाओं ने पारंपरिक उल्लास के साथ मनाया। नगर में माहेश्वरी , ब्राह्मण और सोनी समाज की महिलाओं ने यह पर्व प्रमुख तौर मनाया। माहेश्वरी समाज की महिलाओं ने बुधवार शाम को बारिशकी रीमझीम फुहारों के बीच श्री लक्ष्मीनृसिंह मंदिर से आचार्य मंदिर तक जुलूस भी निकाला जिसमें सभी महिलाएं 16 श्रंगार में सजधज कर निकली। इसी प्रकार ब्राह्मण समाज की महिलाओं ने भी समूह रुप में यह पर्व मनाया। सोनी समाज की महिलाओं में भी इस पर्व को लेकर खासा उत्साह देखा गया।
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माहेश्वरी समाज की महिलाओं ने निकाला पारंपरिक जुलूस |
सत्तू की तीज के पर्व के दौरान यह पर्व मनाने वाली सुहागिन महिलाओं ने सुबह से दिनभर उपवास रखा। शाम के समय पूरी तरह से सजधजकर व सोलह श्रंगार कर लीमड़ी माता की पूजा कर अपने सुहाग की लंबी आयु की कामना की। इसके पष्चात चंद्रमा देखकर पूजन किया व अध्र्य देकर जल अर्पित किया। यह सब पूजन की रस्म अदायगी के बाद सभी महिलाओं ने अपनी सास,ननद व जेठानी को उपहार देकर व्रत पूर्ण किया। इस दिन महिलाओं ने अन्न ग्रहण नहीं किया और सिर्फ सत्तू से बने लड्डू ही भोजन के रुप में ग्रहण किए।नगर के माहेश्वरी समाज के सबसे बड़े संयुक्त परिवार के प्रतिष्ठित श्री पूनमचंद सोमानी परिवार की सभी बहुओं ने भी अपने सास ससुर से आशीर्वाद लेकर सत्तू की तीज का पर्व श्रद्धा से मनाया।
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सोमानी परिवार की बहुएं पर्व मनाते हुए। |
सत्तू की तीज पर चंद्रमा देवता की पूजा करते हुए महिलाएं ये पंक्तिया गाती हैः
चांदा हेलो उगयो, हरिया बास कटाय
साजन उबा बाड़ने, आखा पाती लेय
काय केरो दिवलो, काय केरी वाट
सोना केरो दिवलो, रुपा केरी वाट
कणी सुहागन जोयो, श्रीकृष्ण दरबार
राधा रुकमण जोयो, श्री कृष्ण दरबार
पीलो पेरयो आपके, मीठो जीमयो बाप
अरग देता छोटी तीज का चांद ने
बड़ी तीज का चांद ने,
बारह महिना की चौथ का चांद ने