जहां ब्राम्हणों,संतों का आवागमन न हो वह बस्ती श्मशान समान है- स्वामी वैंकटेशाचार्यजी महाराज

आशुतोष पंचोली
आलीराजपुर। ब्यूरो
इतने सारे ब्राम्हणों का आलीराजपुर में आगमन हुआ शहर धन्य हो गया। जिस घर या गांव में ब्राम्हणों का आगमन नही होता, संतों का आगमन न होता हो, स्वाह सुधाता व वेदध्वनि सुनाई न देती हो वह बस्ती श्मशान समान है। दृढ संकल्प, धैर्य रखने से सभी कार्य पूर्ण होते है ।यहां इतने सारे ब्राम्हण विश्व कल्याण के अनुष्ठान कर रहे है। यह आलीराजपुर जिले के लिए गर्व की बात व आध्यात्मिक उन्नति के लिए एक सही कदम हैं। 
यह बात स्थानीय राजराजेश्वर महादेव मन्दिर राजवाडा पर एक माह से चल रहे धार्मिक कार्यक्रमों के शुक्रवार को समापन अवसर पर श्रीश्री 1008 स्वामी वेंकटेशाचार्य महाराजजी चाणोद ने अपने उद्बोधन में कही। समारोह का  भण्डारे महाप्रसादी के साथ विश्राम हुआ । विश्राम कार्यक्रम में पधारे श्रीकृष्ण शर्मा मेनन बडदा एवं पं. कैलाशचन्द्र शर्मा जोबट से पधाकर मंचासीन हुवे। विधायक नागरसिंह चैहान भी कार्यक्रम में सम्मिलित हुवे। परशुराम वेद प्रचार अनुष्ठान समिति म.प्र. द्वारा आयोजित एक माह के कार्यक्रमों का 25 जुलाई को कलश यात्रा के साथ शुभारंभ हुआ था। संपूर्ण महीने भर रात दिन अखण्ड अभिषेकात्मक  रुद्रपाठ, शतचंडी पाठ का वाचन एवं शिवलिंग पर निरन्तर जल धारा प्रवाहित हो रही थी।  पार्थिव शिवलिंग निर्माण चल रहा था, जिसे आज विराम दिया गया। तीन दिन से हवन चल रहा था जिसकी भी आज पूर्णाहुति हुई। नपा उपाध्यक्ष मकु परवाल ने सभी यजमानों के साथ चौक पर भूरा कोला काटा। माह के मध्य में एक एक सप्ताह की शिवपुराण कथा व भागवत कथा का विश्राम पूर्व में हो चुका था।
आज मन्दिर के खण्डित नन्दी प्रतिमा के स्थान पर नवीन प्रतिमा स्थापित कर प्राण प्रतिष्ठा की गई। सभी कार्यक्रम पंडित कमलेश नागर (नानपुर ) ने सम्पन करवाये। कार्यक्रम करवाने हेतु अन्यत्र स्थान से तीस विद्वान पंडित पधारे थे। आज सभी का सम्मान कर विदाई दी गई। समिति सदस्य निंरजन मेहता ने बताया कि भण्डारे की व्यवस्था माहेश्वरी मित्र मण्डल के गोपाल नवाल, गुडडु माहेश्वरी, प्रदीप मंत्री, मनीष मंत्री, गोरव अगाल, हरिश बाहेती, आशीष सोमानी, निर्मल सोमानी, पप्पू सोमानी, मनीष अगाल, प्रदीप ओझा, धर्मेन्द्र सोमानी एवं महिला मण्डल की सुनिता महेता, उमा नागर, वसुधा जोशी ने की। यज्ञ की व्यवस्था गोविन्द जोशी, मदन लाल राठौड, जगदीश राठौड, मुकेश सस्तिया ने की। 
कार्यक्रम के अन्त सभी यजमानों का सेना महेश पटेल, बबली मकु परवाल, पूर्णिमा अरूण व्यास, सुमन बेन कुलकर्णी आम्बुआ, दयाराम माली, मदन लाल माली, आनंद परमार एवं समिति की ओर से पंडित कमलेश नागर ने सभी कार्यकर्ताओ, पंडितों का आभार माना।
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