जिले में खनिज शाखा को लगा 25 लाख से अधिक का चूना, अब रिकवरी के लिए जारी किए नोटिस

आशुतोष पंचोली 
आलीराजपुर। ब्यूरो
 जिले में खनिज विभाग को नियमों की आड़ में जिम्मेदार अफसरों ने 25 लाख 53 हजार रुपए का चूना लगा दिया। अब नवागत प्रभारी खनिज अधिकारी भावना सेंगर के संज्ञान में यह मामला आने पर इसकी जानकारी कलेक्टर गणेशशंकर मिश्रा को दी गई। कलेक्टर श्री मिश्रा के निर्देश पर जिले में जून 2017 से अप्रेल 2018 तक अवैध रेत परिवहन और ओवरलोड वाहनों पर की गई कार्रवाई की जांच होने पर साढ़े पच्चीस लाख रुपए के अतिरिक्त अर्थदंड की कार्रवाई के नोटिस जारी किए गए है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार इस मामले में यहां तीन साल से पदस्थ एक निरीक्षक स्तर के अधिकारी की खनिज माफियाओं व रेत परिवहन कर्ताओं से मिलीभगत के चलते इस प्रकार की आर्थिक अनियमिताएं उजागर हुई है। ऐसे आरोप है कि निरीक्षक ने  अवैध रेत परिवहन  के कई मामलों में भ्रष्टाचार करते हुए इस प्रकार से प्रकरण तैयार किए कि उन पर सक्षम न्यायालय द्वारा कम पेनल्टी अधिरोपित हो। ऐसे भी सूचना है कि निरीक्षक के द्वारा नकली रायल्टी भी जारी की गई है। इस मामले में उनकी डीई याने विभागीय जांच भी आरंभ हो चुकी हैं। ऐसा खनिज विभाग के सूत्रों का कहना है। फिलहाल विभाग खनिज विभाग ने 75 वाहनों पर अतिरिक्त अर्थदंड की कार्रवाई के नोटिस जारी कर दिए है। किंतु जिम्मेदार खनिज निरीक्षक पर अभी तक किसी प्रकार की कार्रवाई नहीं हुई है। अब यह देखना गौरतलब होगा कि इस मामले में उनपर जिला प्रशासन क्या कार्रवाई करते हुए एक्शन  लेता हैं। प्रभारी खनिज अधिकारी श्रीमती भावना सेंगर ने बताया उक्त वाहन मालिकों को 23 अगस्त 2018 को जिला दंडाधिकारी न्यायालय में अनिवार्य रूप से उपस्थित होने के लिए सूचना पत्र जारी किये गए है जिसमें उक्त तिथि नियत की गई है। उक्त तिथि पर अनुपस्थित रहने वाले वाहन मालिकों पर वाहन पंजीयन एवं खनिज पंजीयन निरस्ती की कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी। 

क्या है मामलाः
प्रभारी खनिज अधिकारी श्रीमती भावना सेंगर ने नईदुनियालाईव को बताया कि जून 2017 से अप्रेल 2018 तक रेत परिवहन पर ओवरलोडिंग की जो कार्रवाई की गई है उसमें निरीक्षक ने कम पेनल्टी प्रपोज की है उनके द्वारा रायल्टी की जो मात्रा थी उसमें से बिना रायल्टी की जो मात्रा थी वह उन्हौंने प्रकरण में प्रपोज कर दी। उसमें किसी ओर आफिसर की तो गलती नहीं है जो विभाग का अफसर है उसको पता होना चाहिए कि मुझे क्या करना है जो उपर अधिकारी है उन्हौंने  उसी को एजईटईस करते हुए आदेश कर दिया। जब मैंने यहां मई 2018 में पर ज्वाईन किया तो मेरे संज्ञान में यह चीज आई तब मैंने कलेक्टर साहब को बताया कि यह तो गलत हुआ है तब साहब ने कहा कि यह कब से नियम था तो मैंने साहब को बताया कि मई 2017 में यह नियम लागू हो गया था। तब साहब के निर्देश पर ऐसे सभी केस रिवाईज किए। यह शासन का बहुत बड़ा नुकसान  है। इसी वजह से सभी को नोटिस दिए है। संबंधित निरीक्षक पर कार्रवाई कलेक्टर साहब करेंगे। 

खनिज विभाग के जिम्मेदारों पर है कई आरोप
जिले का खनिज विभाग आर्थिक अनियमितताओं का गढ़ बन चुका है। जिले में रेत व अन्य खनिजों का अवैध परिवहन बड़े पैमानें पर विभाग के जिम्मेदार अफसरों की नाक के नीचे हो रहा है। यहां विभाग में लंबे समय से खनिज निरीक्षक के पद पर एक ही अफसर तैनात है जबकि विभाग के कई खनिज अधिकारी आए और चले गए और कुछ तो निलंबित भी हो गए। नकली रायल्टी, कई रेत व गिट्टी खदानों का नवीनीकरण जानबूझकर पेंडिंग रखना, डोलोमाईट फेक्ट्रियों के मालिकों से मासिक बंदी, दस वाहनों की जांच में सिर्फ एक का प्रकरण बनाना व 9 को लेन देन कर छोड़ देना, खदानों के असेसमेंट के लाखों के सौदे, विभाग से कई रेत खदानों की फाईलें गायब है, खनिज विभाग के लिपिक को हटवा दिया गया, बिना रायल्टी के वाहनों को पकड़कर तीन  चार दिन पूर्व करीब डेढ़ से दो लाख रुपए का लेन देन करना। जिले में सरदार सरोवर बांध के डूब क्षेत्र के ग्राम सकरजा में तत्कालिन कलेक्टर शेखर वर्मा के समय मार्ग निर्माण ठेकेदार सुरेष गुप्ता के खिलाफ अवैध खनन की फाईल को दबाना। लाखों रुपए की पेनल्टी का भय दिखाकर किसी बड़े ठेकेदार से इंदौर में फ्लैट की डिमांड जैसे कई किस्सें इन दिनों खनिज विभाग के बारे में सुनाई दे रहे है। किंतु खनिज विभाग में अब पदस्थ हुई प्रभारी खनिज अधिकारी भावना सेंगर के आने के बाद से यह जो 25 लाख 53 हजार रुपए की वसूली का जो मामला सामने आया है वह अपने आप में एक किर्तीमान हैं और इसमें कलेक्टर मिश्रा ने जो त्वरित एक्षन लिया है वह भी जिले की राजस्व वसूली व उन्नति के लिए एक सही कदम है।

कलेक्टर मिश्रा की हो रही तारिफ
हालांकि 25 लाख से अधिक की वसूली के नोटिस जारी करने के मामले में पूरे जिले में कलेक्टर गणेशशंकर मिश्रा की तारिफ हो रही है। जैसे ही यह खबर जंगल की आग की तरह जिले में फैली सभी ने खुले मन से कहा कि कलेक्टर मिश्रा ने इस मामले में लाखों रुपए की वसूली के लिए जो कार्रवाई की है वह यह दिखाता है कि कलेक्टर मिश्रा जिले में पूरी ईमानदारी और पारदर्षिता से काम करते हुए खनिज विभाग की अनियमितताओं को दूर करने में लगे हुए हैं। अब सभी को इस बात का इंतजार है कि खनिज विभाग को लाखों रुपए का चूना लगाने वाले जिम्मेदार अफसरों पर जिला प्रषासन की कार्रवाई किस प्रकार से होगी जिससे की मामले में दूध का दूध और पानी का पानी हो सके। 


इस प्रकार 25 लाख की वसूली का मामला सामने है,एक्चुली शासन का सर्कुलर बाद में आया है। जिसका उल्लेख हमारे द्वारा किया गया है।
-श्री गणेशशंकर मिश्रा कलेक्टर।

पूर्व में उक्त 75 वाहनों से 20 लाख 11 हजार 120 रूपये की वसूली की गई थी। उक्त वाहनों से पूर्व में वसूली गई राशि नियमानुसार कम होने पर अंतर की राशि वसूली के सूचना पत्र जारी किये गए है। 
- श्रीमती भावना सेंगर, प्रभारी अधिकारी खनिज शाखा अलीराजपुर

जुर्माने वाले सभी प्रकरणों में जुर्माने नियमानुसार ही किए है। जो भी जुर्माने किए है वे अवैध रेत पर ही है। इससे ज्यादा मुझे कुछ नहीं कहना हैं। जिन्हौंने वसूली निकाली है आप उन्हीं से पूछीए।   
- श्री चैनसिंह डामोर निरीक्षक खनिज विभाग।


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