शत्रुओं का नाश करती है मां चामुंडा

प्रत्येक शुभ काम से पहले लिया जाता है आशीर्वाद

उदयगढ़ से राजेश जयंत की रिपोर्ट

नगर से 1 किलोमीटर दूर ग्राम प्रताप फलिया में स्थित प्राचीन शीतला माता मंदिर में विराजित मां  चामुंडा के चमत्कार की ख्याति दूर-दूर तक फैली है।
प्रत्येक मंगल कार्य से पहले माता का आशीर्वाद लेना  एक परंपरा बन चुकी है।बाजार के साथ ही ग्रामीण जन की भी माता के प्रति अटूट आस्था है। मां चामुंडा जहां शत्रुओं से रक्षा करती है वहीं शीतला माता शांति के प्रतीक रूप में यहां पूजी जाती हैं।

नवरात्रि में यहां श्रद्धालुओं का ताता लगा रहता है।अखंड दीप प्रज्वलित किए जाने के साथ ही प्रथम दिन बोये गए जवारे 9 दिन में आश्चर्यजनक तौर पर लहराने लगते हैं।  
यूं तो गरबा  नृत्य की छटा भी यहां की निराली होती है लेकिन इस मर्तबा कोविड-19 के पालन में सिर्फ पूजा-पाठ, आरती-प्रसाद ही हो रहे हैं। छप्पन भोग  और हवन के साथ यहां नव दुर्गा उत्सव संपन्न होगा।

 पहले यही बसा था गांव

उदयगढ़ के साथ आज भी कनास नाम जुड़ा हुआ है। बताते हैं कि पहले इसी ग्राम प्रताप फलिया को कनास कहा जाता था और उदयगढ़ वहीं पर बसा था। कनास ग्राम में बार-बार आगजनी की घटना होने को देवी प्रकोप मानकर धीरे-धीरे वहां के मूल निवासी ने अपना नया बसेरा एक  किलोमीटर आगे बसाया और इसका नाम उदयगढ़ पड़ा। 
प्रताप फलिया में आज भी पुराने स्थानीय लोगों की खेती-बाड़ी मौजूद है।इसके अतिरिक्त प्राचीन बावड़ी, दक्षिण मुखी हनुमान मंदिर, शंकर मंदिर,  दाऊदी बोहरा समाज की धरोहर बुजीमां, भैरव मंदिर, सती माता का मंदिर  आदि भी यहां मौजूद है। 


3 वर्ष पहले बनी थी कायाकल्प की रूपरेखा

इस प्राचीन देवी मंदिर के कायाकल्प की 3 वर्ष पहले रूपरेखा तय की गई थी और यहां बाउंड्री वाल बनाई गई लेकिन बायपास नजदीक होने से अतिक्रमण मानते हुए अधिकारियों ने उसे ध्वस्त कर दिया उसके बाद से आज तक यह मंदिर उपेक्षा का शिकार  होकर कायाकल्प की बाट जोह रहा है।
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