डुंगरी माता मंदिर पर कन्या भोज में सेवा, समर्पण और भक्तिभाव से जुड़े जन जातीय युवा

आयोजन द्वारा समाज में कन्याओं के महत्व को रेखांकित किया

ग्रामीण अंचल से अब तक1500 कन्याओं ने भोज किया, सुबह होते ही भोजन  की तैयारी में जुट जाते है  युवा

कट्ठीवाड़ा से प्रेम गुप्ता की रिपोर्ट 

नवरात्री में प्रतिवर्ष की तरह ही इस बार भी युवाओं में उत्साह है, ये उत्साह गरबा नृत्य व पोषाक को लेकर नही बल्कि डुंगरी माता मंदिर पर कन्यापूजन और कन्या भोज को लेकर है जिसमें स्थानीय जनजातीय युवा पूरी तरह सेवा, समर्पण और भक्ति भाव से लगे हुए है।डूंगरी माता मंदिर पर अब तक लगभग 1500 कन्याओं ने माता की प्रसादी की ग्रहण की है।  

जनजातीय युवाओं में उत्साह

नवरात्रि पर्व पर इस वर्ष कोविड 19 की आचार संहिता के चलते ना तो कही  पंडाल लगे है और न ही रंगबिरंगी रोशनी और न तेज संगीत में बजते गरबे। पर इस वर्ष स्थानीय जनजातीय युवाओं द्वारा क्षेत्र की प्रसिद्ध डुंगरी माता मंदिर पर कन्या पूजन और कन्या भोज के आयोजन द्वारा कन्याओं के महत्व और उनके प्रति आदरयुक्त भाव को प्रदर्शित करने की कोशिश की है। हिन्दू युवा जनजाति मोर्चा के जिलाध्यक्ष दिलिप चौहान ने बताया कि स्थानीय युवा सुबह से सेवा, समर्पण और पृरी श्रध्दा के साथ तैयारियों में लग जाते है। 

कन्याओं को लेकर आते है, छोड़ने भी जाते है

हिन्द रक्षक समिति जे जयराज सिंह ने बताया कि कन्याओं को भोजन में प्रतिदिन पांच तरह की चीजें बदल-बदलकर दी जाती है। कन्याओं के साथ बाहर से आने वाले श्रद्धालु भी प्रसादी ग्रहण करते है। जनजाति वर्ग के युवाओं द्वारा इस वर्ष कन्या भोज के आयोजन से डुंगरी माता मंदिर क्षेत्र में आसपास के अंचलों से श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ी है। युवा, कन्याओं को भोज के लिए लाते है एवम उन्हें घर तक पंहुचाकर भी आते है। 

सेवा, समर्पण के साथ जुटे है आयोजन में

सुबह होते ही हिन्दू युवा जनजाति मोर्चा के युवा भोजन बनाने की तैयारी में लग जाते है। कन्या भोज के पूरे आयोजन के बाद ही घरों की और जाते है। कुछ भोजन के लिए, कुछ साफ सफाई, कुछ सामग्री एकत्रीकरण तो कुछ परिवहन के कार्यो में बांटकर आयोजन की सफलता में जुटे हुए है। नवरात्री पर्व पर इस तरह के आयोजन से क्षेत्र में आध्यात्मिक व धार्मिक माहौल बना हुआ है। 
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