गुजरात बॉर्डर पर चौकस है प्रशासन..ग्रामीणों का भी सहयोग जरूरी है

मप्र-गुजरात सीमा से  आलीराजपुर न्यूज़ की ग्राउंड रिपोर्ट
कट् ठीवाड़ा से प्रेम गुप्ता 
सुबह  के 10.57 बजे है, कट् ठीवाड़ा के झंडा चौक होकर निकला हूँ अभी, यहां पूरा चौक सूनसान पड़ा हुआ है, इक्का दुक्का कोई व्यक्ति दिखा भी तो इतनी तेजी से निकलता है जैसे उसके पीछे कोई दुश्मन दौड़ रहा हो। यहां से कवछा होकर बड़ा खेड़ा मार्ग पर अपना वाहन  ले लिया है, थाना इंचार्ज से अनुमति पूर्व में ही लेली है। वे भी अपने दल के साथ मोबाइल वाहन में गश्त में है। 

*सुनसान रास्ते*
बोलेरो वाहन का साथी चालक विक्रम हैरत जताता है, भय्या रोड़ सुन सपाट है, इस तरह का मंजर कभी नही देखा हमने। डाबचा घाटा पर पतझर के कारण सूखा जंगल देखकर और वीरानी बढ़ती जा रही है। आगे भूरिआम्बा तिराहे पर कुछ ग्रामीण अपनी छोटी-छोटी सी दुकानों पर बैठे है। सभी के पास गमछे है जिसे उन्होंने अपने मुंह पर लगा रखे है। मैने गाड़ी वही रोक दी। उनके पास गया और गुजरात से आए ग्रामीणों की जानकारी ली। उन्हें कोरोना वायरस के लक्षणों के बारे में बताया, और उन्हें इस तरह के लक्षणों वाले ग्रामीण के बारे में प्रशासन को सूचित करने के बात कही। 

वाहन आगे बढ़ता है ग्राम मोटीबडोई में भी सड़के सुनसान है, आगे जबानिया ग्राम सुना है। 
11.57 बजे हमारा वाहन बड़ाखेड़ा तिराहे पर पहुँचता है। यहां पर आवश्यक किट के साथ प्रशासनिक अमला मौजूद है। अमले में पुलिस दल, राजस्व दल, स्वास्थ्य विभाग का दल मौजूद है। इसी समय कुछ बाइक सवार परिवार सहित वहां आते है, जिन्हें थाना इंचार्ज ईश्वर चौहान सख्त चेतावनी देकर वापस मप्र की और भेजते है। वे गुजरात के हॉस्पिटल इलाज के लिए जाना चाहते है। कट् ठीवाड़ा के स्थानीय ग्रामीण कार लेकर गुजरात से कट् ठीवाड़ा की और आ रहे है। हेड कॉन्स्टेबल मधुराज, और पांडे उन्हें फटकार लगाकर
 इस बीच स्वास्थ्य विभाग के मकबूल मंसूरी, रेखा तोमर उनकी वाहन चालकों की थर्मल स्क्रीनिंग करते है। पटवारी बलवीर प्रजापति, कैलास डावर भी उनके साथ है। पुलिस जवान गोविंद अनिल, भेरू सिंग भी मुस्तेद वहीं है। 

12.15 को हम गुजरात की और हल्दिया मवड़ा क्षेत्र में जाते है, साथ मे मप्र पुलिसदल भी है। वहां रंग पुर पुलिस चौकी के कांस्टेबल भरत चौधरी और जमादार एडी राठवा है। तभी वहां गुजरात से आने वाले ग्रामीण युवक तेजी से अपने वाहन लेकर मप्र की और चले जाते है। कोई रोक नही करने पर थाना प्रभारी चौहान उनके समक्ष आपत्ति दर्ज करवाते है कि ग्रामीणों को उन्हें इस तरह बेरोकटोक नही आने देना चाहिए। 

हम पुनः अपने कस्बे की और निकल पड़ते है, लेकिन अपने मास्क और सैनिटाइजर के उपयोग के बारे में पूरी तरह सचेत है। थाना इंचार्ज और स्वास्थ्य, राजस्व दल को उनके साहसिक कार्य के लिए धन्यवाद देकर दोपहर 1 बजे हम अपने सुरक्षित ठिकाने पर आ जाते है।
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