प्रांतीय शिक्षक संघ ने शिक्षकों के अवकाश घोषित करने की मांग
आशुतोष पंचोली
अलीराजपुर न्यूज। ब्यूरो चीफ
कोरोना वाईरस विश्व में चारों ओर तेजी से फैल रहा है। वही भारत में भी इसके मरीजों की संख्या निरंतर बढ़ती जा रही है। साथ ही मप्र में भी इसने दस्तक दे दी है। जिसके चलते समस्त शासकीय अशासकीय स्कूलों, कालेजों कोचिंग सेंटर में अध्ययनरत विद्यार्थियों का 31 मार्च तक शासन द्वारा अवकाश घोषित कर दिया है। वहीं प्रदेश के शिक्षक मानसिक तनाव के बीच स्कूल जाने के लिए मजबूर हो रहे है।
राज्य कर्मचारी संघ व प्रांतीय शिक्षा संघ के जिलाध्यक्ष राजेश आर वाघेला ने बताया कि शासन द्वारा स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए पहले ही अवकाश घोषित किया जा चुका है वही शिक्षकों को स्कूल जाने के आदेश है। श्री वाघेला ने बताया कि जिले में प्रावि, मावि उमावि के शिक्षकों की संख्या करीब 4 हजार है। जिसमें अतिथि शिक्षक अलग है। लगभग 2500 शिक्षक ऐसे है जो प्रतिदिन अपने निज निवास आलीराजपुर, जोबट, उदयगढ़, कठ्ठीवाड़ा, सोंडवा, आजादनगर से प्रतिदिन 10 से 15 किमी की दूरी पर अपने विद्यालय में कार्य करने के लिए बस व बाइक से अपने कर्तव्य पर पहंुचते है। जिसमें बड़ी संख्या में महिला शिक्षिकाएं बस का उपयोग करती है। ऐसी स्थिती में प्रतिदिन बस में जाने व आने से भीड़ के बीच में रहने लोगों के संपर्क में आने से इस वाईरस से संक्रमित होने का भय बना रहता है। जिसके कारण उन्हें मानसिक रुप से परेशानी का सामना करना पड़ता है साथ ही यह भय भी बना रहता है कि उनके परिवार में जाकर भी उन्हें कोरोना वाईरस से बचाव के लिए सतर्कता बरतनी होती है। शासन को ध्यान देना चाहिए कि जहां कक्षा एक से लेकर आठ तक सभी परीक्षाएं निरस्त कर दी गई है। ऐसी स्थिती में विद्यालय में सिर्फ प्रगति पत्रक व मूल्याकंन पत्रक का कार्य रहता है जो कि घर पर रह कर भी तैयार किया जा सकता है। यदि उनके वरिष्ठ अमले को उनकी आवश्यकता है तो वर्तमान में समस्त अधिकारी व कर्मचारी के पास कार्यरत शिक्षकों के मोबाईल नंबर है जिससे वे उसे कार्य पर बुला कसते है। विद्यालयों में रंगरोन का कार्य भी दिसंबर माह में पूर्ण हो चुका है ऐसी स्थिती में विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिती बसों में परिवहन करने से कोरोना वाईरस के खतरे की आशंका बढ़ जाती है। संघ ने कलेक्टर सुरभि गुप्ता से मांग की है कि वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए शिक्षकों के अवकाश भी 31 मार्च तक घोषित किए जाए।
राज्य कर्मचारी संघ व प्रांतीय शिक्षा संघ के जिलाध्यक्ष राजेश आर वाघेला ने बताया कि शासन द्वारा स्कूलों के विद्यार्थियों के लिए पहले ही अवकाश घोषित किया जा चुका है वही शिक्षकों को स्कूल जाने के आदेश है। श्री वाघेला ने बताया कि जिले में प्रावि, मावि उमावि के शिक्षकों की संख्या करीब 4 हजार है। जिसमें अतिथि शिक्षक अलग है। लगभग 2500 शिक्षक ऐसे है जो प्रतिदिन अपने निज निवास आलीराजपुर, जोबट, उदयगढ़, कठ्ठीवाड़ा, सोंडवा, आजादनगर से प्रतिदिन 10 से 15 किमी की दूरी पर अपने विद्यालय में कार्य करने के लिए बस व बाइक से अपने कर्तव्य पर पहंुचते है। जिसमें बड़ी संख्या में महिला शिक्षिकाएं बस का उपयोग करती है। ऐसी स्थिती में प्रतिदिन बस में जाने व आने से भीड़ के बीच में रहने लोगों के संपर्क में आने से इस वाईरस से संक्रमित होने का भय बना रहता है। जिसके कारण उन्हें मानसिक रुप से परेशानी का सामना करना पड़ता है साथ ही यह भय भी बना रहता है कि उनके परिवार में जाकर भी उन्हें कोरोना वाईरस से बचाव के लिए सतर्कता बरतनी होती है। शासन को ध्यान देना चाहिए कि जहां कक्षा एक से लेकर आठ तक सभी परीक्षाएं निरस्त कर दी गई है। ऐसी स्थिती में विद्यालय में सिर्फ प्रगति पत्रक व मूल्याकंन पत्रक का कार्य रहता है जो कि घर पर रह कर भी तैयार किया जा सकता है। यदि उनके वरिष्ठ अमले को उनकी आवश्यकता है तो वर्तमान में समस्त अधिकारी व कर्मचारी के पास कार्यरत शिक्षकों के मोबाईल नंबर है जिससे वे उसे कार्य पर बुला कसते है। विद्यालयों में रंगरोन का कार्य भी दिसंबर माह में पूर्ण हो चुका है ऐसी स्थिती में विद्यालयों में शिक्षकों की उपस्थिती बसों में परिवहन करने से कोरोना वाईरस के खतरे की आशंका बढ़ जाती है। संघ ने कलेक्टर सुरभि गुप्ता से मांग की है कि वर्तमान परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए शिक्षकों के अवकाश भी 31 मार्च तक घोषित किए जाए।
संघ के अन्य पदाधिकारी व सदस्य सर्वश्री शरद क्षीरसागर, राकेश खेड़े, गुलसिंह सोलंकी, इंदरसिंह मंडलोई, थानसिंह डीमच, रायसिंह गौर, लोकेंद्र सेन, राजेंद्र राठौर, रीतेश वाघेला, भुवान मौर्य, धमेंद्र अवास्या, कलसिंह डावर सहित संघ सदस्यों ने शिक्षकों के लिए अवकाश घोषित करने की मांग की है।