बैंक एवं मोबाइल फोन के द्वारा होने वाली ठगी एवं अपराध आज की गम्भीर चुनौती बन चुकी है-एएसपी बिट्टू सहगल

शासकीय कालेज में साइबर अपराध एवं सुरक्षा विषय पर एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला संपन्न
आलीराजपुर न्यूज। सिटी रिपोर्टर
रिजवान खान
बैंक एवं मोबाइल फोन के द्वारा होने वाली ठगी एवं अपराध आज की गम्भीर चुनौती बन चुकी है। जिससे हमे साइबर तकनीकी के ज्ञान के माध्यम से ही बच सकते है। साइबर क्रान्ति ने जहाँ मानव जीवन को सरल एवं सुविधा जनक बनाया है वही जरा सी भुल एवं लालच से हम लोग ठगी का शिकार बन सकते है। यह बात एएसपी बिट्टू सहगल ने स्थानीय शासकीय कालेज में शुक्रवार 6 मार्च को साइबर अपराध एवं सुरक्षा विषय पर एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला में बतौर मुख्य अतिथि के रुप में कही। एएसपी सहगल ने अपने संबोधन में छात्रो को चेटिंग, मोबाइल बैंकिंग, सोशल मीडिया, फेसबुक, व्हाटसप एवं एटीएम कार्ड का सावधानी से प्रयोग करने की सलाह दी। 

उन्हौंने विद्यार्थियों को जोब अलर्ट एसएसएस, बेंकिग धोखा धडी, आनलाईन शाॅपिंग, आनलाईन बैंकिंग से होने वाली परेशानियों एवं आर्थिक क्षति के बारे मंे अवगत कराया तथा सोशल मीडिया पर अपनी व्यक्तिगत जानकारी को सार्वजनिक न करने की सलाह दी। इस प्रकार कोई भी समस्या आने पर तुरंत साइबर क्राईम पुलिस की सहायता लेने और संबंधित बैंक की सहायता लेने की सलाह उपस्थित छात्रों एवं अतिथियों को दी। 

साइबर क्राईम एवं सुरक्षा विषय पर शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय आलीराजपुर में एक दिवसीय राज्य स्तरीय कार्यशाला का आयोजन विश्व बैंक परियोजना द्वारा पोषित शिक्षा गुणवत्ता एवं उन्नयन के संदर्भ में किया गया। जिसमें सर्वप्रथम माॅ सरस्वती के चित्र पर माल्यार्पण कर सरस्वती वंदना के साथ कार्यशाला का शुभारंभ किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्राचार्य डाॅ अल्पना बारिया ने की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि एएसपी बिट्टु सेहगल थे। कार्यक्रम में विशेष अतिथि के रूप मंे शासकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय झाबुआ की डाॅ गीता दुबे, चन्द्रशेखर आजाद महाविद्यालय भाबरा के प्राचार्य प्रो सरदारसिंह डोडवा, सोण्डवा महाविद्यालय के प्राचार्य डाॅ भुपेन्द्र तिवारी एवं केनेरा बैंक के प्रबंधक एवं विषय विशेषज्ञ संदीप पाटीदार जी ने की। 

कार्यशाला में झाबुआ कालेज से आमंत्रित डाॅ गीता दुबे ने बताया कि आज हमारे जनजातीय समाज मंे तकनीकी ज्ञान का अभाव हैं जिसके कारण इस प्रकार की घटनाए हमारे आस-पास घटित होती है तो इनसे बचने के लिए साइबर शिक्षा एवं तकनीकि ज्ञान का प्रचार-प्रसार किया जाना चाहिए। श्री पाटीदार ने बताया कि साइबर क्राइम आर्थिक, शारीरिक एवं मानसिक पीढा प्रदान करता है उन्होने कहा कि बैंकिंग क्षैत्र मंे लेने देन करते समय सर्वाधिक सावधानी बरतने की आवश्यकता है, थोडी सी चुक हमारी आर्थिक हानि का कारण बन सकता हैं। महाविद्यालय प्राचार्य डाॅ बारिया ने बताया कि साइबर अपराध वर्तमान एवं भविष्य के लिए एक जटिल चुनौती है जिसका हल तकनीकी ज्ञान एवं सावधानी ही हो सकता है। कार्यक्रम का संचालन वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो एन.एस.भाटी द्वारा किया गया एवं स्वागत भाषण प्रो मीना सोलंकी द्वारा दिया गया तथा आभार कार्यशाला संयोजक डाॅ. सी.एस. कनेश ने माना। कार्यशाला में दुरस्त इन्दौर, धार, झाबुआ, खरगोन, बड़वानी आदि जिलों के महाविद्यालयों के अतिथियों ने सहभागिता की। कार्यक्रम मंे वरिष्ठ प्राध्यापक डाॅ उर्मिला डांगी, डाॅ एस.एल.देवड़ा, डाॅ राकेश अवास्या, डाॅ रमेश भिण्डे, डाॅ प्रदीप कनेश, डाॅ कलम चैहान, डाॅ जे.एस.पचाया, प्रो. एस.एस.मौर्य, प्रो सुरेश तोमर एवं समस्त नवागत सहा. प्राध्यापक, अतिथि विद्वान और समस्त कार्यालयीन स्टाफ एवं बडी संख्या मंे छात्र-छात्राए उपस्थित थे। कार्यक्रम के समापन अवसर पर समस्त सम्मिलित अतिथियों एवं विद्यार्थियों को प्रमाण पत्र मुख्य अतिथियों द्वारा प्रदान किये गये। 

Share on WhatsApp